🔷 परिचय: एक सामान्य किसान से लेकर दुनिया के सबसे बुजुर्ग धावक तक Fauja singh
फौजा सिंह का नाम सुनते ही एक बात ज़रूर ज़ेहन में आती है —
"उम्र सिर्फ एक नंबर है"।
भारत के पंजाब में जन्मे एक सादा जीवन जीने वाले बुजुर्ग ने ऐसा कारनामा कर दिखाया, जो आज तक कोई नहीं कर पाया। उन्होंने उस उम्र में दौड़ना शुरू किया जब ज्यादातर लोग चलना भी छोड़ देते हैं।
🔷 जन्म और प्रारंभिक जीवन
नाम: फौजा सिंह
जन्म तिथि: 1 अप्रैल 1911
जन्म स्थान: बीसपुर गांव, जालंधर, पंजाब, भारत
पेशा: किसान (बचपन से 80 वर्ष तक)
फौजा सिंह का बचपन साधारण रहा। वे एक छोटे किसान परिवार से थे और उनका अधिकांश जीवन खेतों में काम करने में बीता। उनका शरीर बचपन से ही कमजोर था और डॉक्टरों ने एक समय कहा था कि वे शायद चल नहीं पाएंगे। लेकिन जीवन के हर पड़ाव पर उन्होंने यही साबित किया — "नामुमकिन कुछ नहीं।"
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🔷 खेल में पहला कदम – 89 वर्ष की उम्र में!
एक गंभीर व्यक्तिगत त्रासदी के बाद, जिसमें उन्होंने अपने बेटे और पत्नी को खो दिया, वे डिप्रेशन में चले गए।
89 वर्ष की उम्र में उन्होंने खुद को फिर से जीने का एक नया रास्ता खोजा — दौड़।
⚡ प्रेरणा कैसे मिली?
जब वे लंदन में बस गए तो उन्होंने एक दिन कुछ बुजुर्गों को पार्क में दौड़ते देखा।
फिर उन्होंने कहा:
> "अगर ये लोग दौड़ सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं?"
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और यहीं से Fauja Singh the Runner की कहानी शुरू हुई।
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🔷 पहली दौड़ और शुरुआती रिकॉर्ड्स
2000: पहली बार London Mini Marathon में भाग लिया (89 साल की उम्र में)
2003: Toronto Waterfront Marathon में हिस्सा लिया
2011: जब वे 100 वर्ष के हुए, तब उन्होंने पूरी मैराथन पूरी करके इतिहास रच दिया
🏅 उनका सबसे ऐतिहासिक रिकॉर्ड:
"100 साल की उम्र में 42.195 किलोमीटर की मैराथन पूरी करने वाले पहले व्यक्ति"
हालांकि Guinness World Record में उनका नाम सिर्फ इस वजह से नहीं आया क्योंकि उनके पास जन्म प्रमाणपत्र नहीं था — लेकिन पूरी दुनिया उन्हें सलाम करती है।
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🔷 रिकॉर्ड्स और बड़े पल
वर्ष उम्र इवेंट विशेष रिकॉर्ड
2000 89 London Mini Marathon पहली दौड़
2003 92 Toronto Marathon उम्रदराज धावक
2011 100 Toronto Marathon पूरी मैराथन पूरी की
2013 102 आखिरी प्रतिस्पर्धात्मक दौड़ विदाई दौड़
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🔷 उनकी डेली रूटीन और फिटनेस राज
फौजा सिंह का शरीर 40 साल के युवक जैसा था। उनका खानपान बेहद साधारण और भारतीय था।
🥗 डाइट:
दलिया, फल, दाल, रोटी, सब्ज़ी
कोई तला-भुना नहीं
बिल्कुल शुद्ध शाकाहारी
🧘♂️ एक्सरसाइज:
सुबह 4 बजे उठना
लंबी वॉक और हल्की दौड़
मेडिटेशन और प्राणायाम
दोपहर को आराम
सायंकाल हल्की एक्सरसाइज
> “सादा खाओ, खुश रहो और हमेशा चलते रहो” – यही उनका मंत्र था।
🔷 Adidas और PETA जैसे ब्रांड्स से जुड़ाव
उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि:
Adidas ने उन्हें अपने अंतरराष्ट्रीय विज्ञापन में दिखाया
PETA ने उन्हें ब्रांड एंबेसडर बनाया
CNN, BBC, TIME जैसी मीडिया ने उन्हें “Oldest Athlete Alive” का खिताब दिया
🔷 दुनियाभर की यात्रा
उन्होंने दौड़ के लिए:
कनाडा
अमेरिका
इंग्लैंड
हांगकांग
भारत
जैसे देशों में दौड़ लगाई और हर जगह उन्होंने लोगों के दिल जीते।
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🔷 मीडिया में क्या कहा गया?
BBC:
> “He runs like he's 40 — and inspires like he's 20.”
The Guardian:
> “Fauja Singh defies every boundary of age, science and spirit.”
🔷 114 साल की उम्र में निधन और श्रद्धांजलि
जुलाई 2025 में, जब उनकी उम्र 114 वर्ष थी, फौजा सिंह का शांतिपूर्वक निधन हो गया।
उनके अंतिम शब्दों में भी प्रेरणा थी:
> “जिंदगी लंबी नहीं, असरदार होनी चाहिए।”
पूरी दुनिया ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सोशल मीडिया पर #FaujaSinghForever ट्रेंड करता रहा
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🔷 युवा पीढ़ी के लिए संदेश
फौजा सिंह ने जो सिखाया वो हर किसी के लिए जरूरी है:
✅ कभी देर नहीं होती शुरुआत के लिए
✅ उम्र सिर्फ शरीर की होती है, आत्मा की नहीं
✅ सादा जीवन, महान विचार
✅ मेहनत और धैर्य ही असली शक्ति है
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🔷 निष्कर्ष – एक चलता-फिरता चमत्कार
फौजा सिंह का जीवन सिर्फ रिकॉर्ड्स का नहीं, बल्कि हौसले, दृढ़ संकल्प और नई शुरुआत का प्रतीक है।
उन्होंने न सिर्फ दौड़ लगाई, बल्कि लाखों लोगों को यह दिखाया कि:
> “जब तक दिल धड़क रहा है, तब तक दौड़ बाकी है।”
📌 अगर आप भी उनके जीवन से प्रेरित हैं, तो इस कहानी को शेयर करें और उनकी याद को अमर बनाएं।
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