"सावन में व्रत टूट जाए तो क्या करें? कारण, उपाय और सावधानियाँ"
सावन में व्रत टूट जाए तो क्या करें? कारण, उपाय और जरूरी सावधानियाँ
सावन का महीना हिंदू धर्म में विशेष पुण्य और भक्ति का समय माना जाता है। इस महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई भक्त सोमवार के व्रत, शिव पूजा, रुद्राभिषेक और भजन-कीर्तन करते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में या परिस्थितिवश व्रत टूट जाता है। ऐसे में मन में सवाल उठता है — अब क्या होगा? क्या कोई दोष लगेगा? क्या व्रत फिर से करना होगा?
इस लेख में हम विस्तार से बताएँगे:
व्रत टूटने के पीछे के कारण
सावन के व्रत टूटने पर उपाय
कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए
और कैसे फिर से शिव कृपा प्राप्त की जा सकती है
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व्रत टूटने के सामान्य कारण
व्रत का पालन करते समय कुछ बातें अनजाने में छूट जाती हैं, जो व्रत टूटने का कारण बन जाती हैं:
1. भूल से कुछ खा लेना
कई बार हम भूलवश जलपान या भोजन कर लेते हैं, जैसे:
किसी ने कुछ खिला दिया और व्रत का ध्यान नहीं रहा
समय का ध्यान ना रहने पर दिनचर्या भटक गई
व्रत का नियम पहले से स्पष्ट नहीं था
2. दवाई या स्वास्थ्य कारण
कभी-कभी शरीर की कमजोरी, बीमार पड़ना, या दवा खाने की आवश्यकता व्रत तोड़ने को मजबूर कर देती है। ऐसे में शरीर प्राथमिकता बन जाता है।
3. मन से असावधानी या अशुद्धि
मानसिक रूप से भटकाव
व्रत के दौरान गुस्सा, कटु वचन या अपवित्र कार्य करना भी व्रत को खंडित कर सकता है।
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व्रत टूटने पर क्या करें? (उपाय)
यदि सावन में व्रत टूट जाए, तो घबराएँ नहीं। धर्म में प्रायश्चित और सुधार का रास्ता हमेशा खुला रहता है। नीचे कुछ आसान उपाय बताए गए हैं:
1. शिवलिंग पर क्षमा याचना करें
भगवान शिव के सामने बैठकर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
यह स्वीकार करें कि भूल हो गई है और क्षमा माँगें।
आप कह सकते हैं:
"हे भोलेनाथ, मुझसे अनजाने में व्रत भंग हुआ है, कृपया मुझे क्षमा करें और मुझे फिर से भक्ति के योग्य बनाएं।"
2. एक दिन का फलाहार करें
अगर व्रत टूट गया है, तो अगले दिन बिना नमक का फलाहार कर सकते हैं। यह मन की शुद्धि और प्रायश्चित का प्रतीक है।
3. अतिरिक्त जाप या पाठ करें
11 या 21 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें
या "शिव चालीसा" का पाठ करें
4. गौसेवा या दान करें
किसी गरीब या ज़रूरतमंद को भोजन कराना
शिव मंदिर में दूध या बेलपत्र चढ़ाना
गौमाता को चारा देना
➡️ ये सभी पुण्य कार्य आपके व्रत में आई त्रुटि को संतुलित करते हैं।
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किन गलतियों से व्रत टूटता है? क्या न करें
सावन के पवित्र महीने में इन बातों का विशेष ध्यान रखें:
❌ गलतियाँ जो व्रत को भंग कर सकती हैं:
व्यर्थ बोलना, झगड़ा करना
मांसाहार, लहसुन-प्याज का सेवन
किसी की बुराई, अपमान करना
देर से उठना या पूजा न करना
अनवश्यकीय मोबाइल और टीवी में मन लगाना
✅ क्या करें:
ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान कर शिव पूजा करें
कम बोलें, जप और ध्यान में मन लगाएँ
साफ-सुथरा भोजन बनाएं और सत्कर्म करें
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व्रत भंग होने पर क्या व्रत फिर से करना होगा?
धर्मशास्त्रों में लिखा है:
यदि व्रत अनजाने में टूटे और व्यक्ति पश्चाताप कर ले, तो उसे व्रत दोहराने की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन अगर मन से गलती की गई है या नियम जानकर भी उल्लंघन किया गया है, तो पूरा व्रत दोबारा करना चाहिए।
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निष्कर्ष: भगवान शिव भाव के भूखे हैं, दोष के नहीं
सावन के व्रत का उद्देश्य केवल भोजन त्यागना नहीं, बल्कि आंतरिक शुद्धता और भक्ति को बढ़ाना है।
यदि किसी कारणवश आपका व्रत टूट भी गया है, तो चिंता न करें।
सच्चे मन से क्षमा माँगना, शिव नाम जपना और सेवा कार्य करना — यही सच्चा प्रायश्चित है।
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🔱 सावन में व्रत रखने वाले हर शिवभक्त को यह ध्यान रखना चाहिए:
> "शिव उतने ही प्रसन्न होते हैं, जितना मन और कर्म से भक्त उन्हें पुकारता है।"
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